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केदारनाथ - Kedarnath
Rudraprayag
(Uttarakhand)
5 AM - 9 PM
Darshan Time
123Km
Haridwar = Kedarnath
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Introduction
केदारनाथ (Kedarnath) एक शिव मंदिर है। यह मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग डिस्ट्रिक्ट से महज 85km की दूरी पर है। हर साल लाखों संख्या में देश विदेश से भक्तगण बाबा केदारनाथ के दर्शन करने आते हैं। बाबा केदार के दर्शन करके सुकून सा और अच्छा सा फील होता है जिसको हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते। केदारनाथ मंदिर मंदाकिनी नदी के origin पर है, केदारनाथ को 12 ज्योतिर्लिंगों और 5 केदारों में गिना जाता है। केदारनाथ के रक्षक देवता भैरवनाथ माने जाते हैं।
अगर बात करें केदारनाथ का नाम केदारनाथ (Kedarnath) क्यों पड़ा?
इसके पीछे कुछ दिलचस्प बात है। ऐसा माना जाता है कि जहां पर शिव का ज्योतिर्लिंग प्रकट हुआ है वहां पर केदार नामक एक राजा का शासन हुआ करता था राजा का नाम केदार होने के कारण उस इलाके को केदारखंड कहा जाता था। राजा केदार और केदारखंड के रक्षक के रूप में भगवान शिव का ज्योर्तिलिंग प्रकट होने के कारण भगवान शिव केदारनाथ (Kedarnath) कहलाये।
बात करें बाबा के दर्शन की तो यहां पर आपको काफी इंतजार करना पड़ सकता है। यहां पर दर्शन का एक द्वार है और आपको भक्तों की काफी लंबी लाइन देखने को मिलेगी जो इंतजार कर रहे होते हैं बाबा के दर्शन के लिए। हर किसी के दिमाग में बस यही सवाल होता है "बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए हमारा नंबर कब तक आएगा"।
केदारनाथ (Kedarnath) दर्शन का समय -
बाबा केदार दर्शन के लिए भक्तों की सुबह 5:00 बजे से ही लंबी लाइन लग जाती है रात 9:00 बजे तक भक्त यहां दर्शन कर सकते हैं।
मोबाइल नेटवर्क की बात करें तो -
यहां पर आपको नेटवर्क से रिलेटेड कोई भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। यहां पर फ्री वाई-फाई जोन भी है।
बात करें मेडिकल सुविधाएं की तो -
बाबा केदारनाथ (Kedarnath) मंदिर के पास में ही मेडिकल का केंद्र बनाया गया है यहां पर आपको हर प्रकार की मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है।
अब बात करते हैं केदारनाथ के कपाट कब खोले जाते हैं और कब बंद करे जाते हैं।
मंदिर के कपाट मई में खुलते हैं तथा बर्फ पड़ने से नवंबर में बंद किए जाते हैं।
केदारनाथ (Kedarnath) भगवान के कपाट खुलने का समय महाशिवरात्रि के दिन ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में मैसूर के जंगम ब्राह्मणों तय करते है, जिन्हें रावल कहते हैं।
Note: वर्ष 2022 में कपाट 6 मई को खोले गए तथा 27 अक्टूबर को बंद किए गए।
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केदारनाथ कैसे पहुंचे?
आप स्वयं भी drive या ride करके गौरीकुंड तक पहुंच सकते हैं फिर यहां से 11 से 15 किलोमीटर की दूरी तय करके केदारनाथ पहुंच सकते हैं।
Haridwar - Rishikesh - Dehradun - Rudraprayag से गौरीकुंड के लिए समय-समय पर बसें चलती रहती हैं केदारनाथ पहुंचने के लिए गौरीकुंड से आप 11 से 15 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। यह दूरी खच्चर, कंडी या पैदल तय कर सकते हैं।
अगर आप ट्रेकिंग या एडवेंचर के शौकीन है तो आप गौरीकुंड से अपना ट्रैक शुरू करके 11 से 15 किलोमीटर की दूरी तय करके केदारनाथ पहुंच सकते हैं। यह केदारनाथ का सबसे अच्छा experience रहेगा।
अगर आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं तो आपको सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन योग नगरी ऋषिकेश में पड़ेगा। ऋषिकेश से गौरीकुंड तक बस या टैक्सी से गौरीकुंड पहुंचना होगा। केदारनाथ पहुंचने के लिए गौरीकुंड से खच्चर या कंडी के माध्यम से 11 से 15 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। ट्रेन टिकट बुक करने के लिए आपको IRCTC की वेबसाइट पर जाना होगा - GO
आप पेटीएम (PAYTM) से भी अपनी टिकट बुक कर सकते हो - Go
अगर आप हवाई यात्रा कर रहे हैं तो केदारनाथ से नजदीकी एयरपोर्ट आपको जॉली ग्रांट पड़ेगा। जो कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में है। फ्लाइट टिकट बुक करने के लिए कई वेबसाइट उपलब्ध हैं। जोकि है -
- IndiGo
- SpiceJet
- MakeMyTrip
- Yatra
- Goibibo
- Cleartrip
- Expedia
- TripAdvisor
- Booking.com
- ixigo
- HappyEasyGo
- Vistara
देहरादून से आपको बस या टैक्सी से गौरीकुंड पहुंचना होगा। गौरीकुंड केदारनाथ के पास गाड़ियों का आखरी स्टैंड है। गौरीकुंड तक ही गाड़ियां जाती है वहां से आपको केदारनाथ के लिए पैदल या खच्चर के माध्यम से 11 से 15 किलोमीटर की यात्रा तय करनी होती है।
हेलीकॉप्टर के माध्यम से भी आप केदारनाथ पहुंच सकते हैं जिसके लिए आपको दो-तीन दिन पहले ऑनलाइन माध्यम से हेलीकॉप्टर की बुकिंग करवानी होती है। हेलीकॉप्टर की ऑनलाइन बुकिंग करने के लिए आपको उत्तराखंड की वेबसाइट पर जाना होगा - Heli Services
रुद्रप्रयाग में कई जगह पर हेलीपैड हैं जहां से हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचा जा सकता हैं। जोकि है नारायण-कोटी (गुप्तकाशी) ,फाटा ,श्यरसी यहां से आपको हेलीकॉप्टर की सुविधा मिल जाएगी।
अगर आप हेलीकॉप्टर से यात्रा कर रहे हैं तो केदारनाथ तक का खर्चा लगभग इतना आएगा।
Location |
Round Trip |
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Guptkashi |
7,750 Rs |
Phata |
4,720 Rs |
Sersi |
4,680 Rs |
काफी मात्रा में लोग हेलीकॉप्टर से यात्रा करते हैं क्योंकि यह सबसे सरल और तेज ऑप्शन है केदारनाथ पहुंचने का। हेलीकॉप्टर से आप डायरेक्ट बाबा केदार मंदिर के पास लैंड करेंगे।
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केदारनाथ (Kedarnath) में कहां रुके?
केदारनाथ में रुकने के बहुत से ऑप्शन है भीड़ ज्यादा होने के कारण यहां होटल्स जल्दी भर जाते हैं जिस वजह से आपको पहले ही बुकिंग करानी पड़ेगी।
यहां होटल या लॉज लोगों की बेसिक जरूरतों को पूरा करने के लिए हिसाब से बनाए जाते हैं जिनमें इलेक्ट्रिसिटी, हॉट वॉटर आते हैं पीक सीजन होने पर ये जल्दी भर जाते हैं इसलिए आपको ये पहले बुकिंग कराने पड़ेंगे। फैसिलिटी के हिसाब से रेट सही होता है। रामपुर, सोनप्रयाग, गुप्तकाशी आदि जगह में पर्याप्त लॉज व होटल्स हैं। होटल बुक करने के लिए कई वेबसाइट उपलब्ध हैं। जोकि है -
Tourist हिसाब से यहां जगह-जगह पर कई रिजॉर्ट खोले गए हैं जिनमें से एक प्रमुख रिसोर्ट है सोनप्रयाग में Rukh kedar resort . रिजॉर्ट बुक करने के लिए कई वेबसाइट उपलब्ध हैं। जोकि है -
यात्रियों की सुविधा के लिए यहां सरकार द्वारा या यहां के लोगों द्वारा कई आश्रमों का निर्माण किया गया है जहां फ्री रहने की व्यवस्था है।
केदारनाथ यात्रा का पूरा आनंद लेने के लिए सबसे ज्यादा लोग यहां camping को अपनाते हैं क्योंकि यह हमें अपने चारों ओर के नेचर के साथ सीधा कनेक्ट करता है जिससे हम बहुत इंजॉय करते हैं। camping बुक करने के लिए कई वेबसाइट उपलब्ध हैं। जोकि है -
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Food in Kedarnath
यहां पर यात्रियों की सुविधा के लिए लोगों द्वारा या किसी संस्था द्वारा लंगर खोलें जाते हैं जिनमें सामान्य खाना दाल ,भात, रोटी, सब्जी आदि दिया जाता है।
यहां ढाबा तथा रेस्टोरेंट में वेजिटेरियन भोजन प्रोवाइड किया जाता है जिसमें दाल ,भात, चोखा ,रोटी, हरी सब्जियां आदि प्रमुख हैं यह लंगर के हिसाब से थोड़ा एक्सपेंसिव होते हैं लेकिन पीक सीजन में यह सही है। फास्ट फूड की अधिक मांग बढ़ने पर यहां फास्ट फूड भी प्रोवाइड किया जाता है।
सीजन के हिसाब से लोग अपने साथ यहां खाना पैक करा कर भी ले जा सकते हैं।
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Famous food in Kedarnath
केदारनाथ में मिलने वाले लोकल भोजन में भांग की चटनी ,आलू के गुटके ,हरी सब्जियां ,मुंडवा की रोटी झंगोरा की खीर, दाल के पराठे आदि प्रमुख हैं। आपको जरूर ट्राई करना चाहिए।
पहाड़ों में ऐसा कहा जाता है कि खटाई से पाचन शक्ति स्ट्रांग होती है जिस वजह से पहाड़ी लोग इसको बनाते हैं यह आमतौर पर पहाड़ों में मिलने वाले फल माल्टा से बनाई जाती है।पहले माल्टे को छीला जाता है तब इसके छोटे-छोटे पीस किए जाते हैं इसमें नमक, मिर्च और शहद मिलाया जाता हैं और बड़े चाव से खाया जाता है।
यह पहाड़ी इलाकों में मिलने वाले सफेद और काले भट्ट(एक प्रकार की दालें) से मिलकर बनाया जाता है इसको चावल के साथ बड़े चाव खाया जाता है।
मंडुवा पहाड़ी इलाके में होने वाली फसल है। इसे एक प्रकार से पहाड़ी आटा कहा जा सकता है, मंडुवे की रोटियों को हरी सब्जी के साथ बड़े चाव से खाया जाता है।
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केदारनाथ (Kedarnath) मंदिर की विशेषता
केदारनाथ मंदिर की शैली का बना है मंदिर में भूरे रंग के पत्थर लगे हुए हैं मंदिर के गर्भ गृह में त्रिकोण आकृति की एक ग्रेनाइट सिला है जिसकी पूजा भक्तों द्वारा की जाती है केदारनाथ में भगवान शिव जी 5 मुख्य वाली प्रतिमा है यहां शिवलिंग की ब्रह्म कमल द्वारा पूजा की जाती है।
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केदारनाथ मंदिर की मान्यता
महाभारत के अनुसार इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने कराया था महाभारत युद्ध के पश्चात पांडव पश्चाताप करने के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करने लगे, परंतु भगवान शिव ने पांडवों को दर्शन न देने के लिए बैल का रूप धारण कर लिया और पांडवों द्वारा पहचाने जाने के बाद वह बेल रूप में ही धरती में समा गए, उनका कूबड़ धरती के ऊपर ही रह गया इस वजह से यहां कूबड़ या शिव के पीठ की पूजा की जाती है।
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केदारनाथ में मेन पॉइंट
Kedarnath peak
यह केदारनाथ की सबसे ऊंची चोटी है जहां से केदारनाथ वैली का सुंदर नजारा दिखाई देता है।
Bhairav nath
यह केदारनाथ भगवान के रक्षक देवता के रूप में जाने जाते हैं यहां से मंदिर का सुंदर नजारा दिखाई देता है और सुंदर चोटियां दिखाई देती है इस जगह को सुशांत सिंह राजपूत सेल्फी प्वाइंट के नाम से भी जाना जाता है।
Gandhi Sarowar
यह मंदिर के नजदीक एक छोटी सी झील है जहां से मंदाकिनी नदी का ओरिजिन होता है यह एक सुंदर झील है जहां लोग डुबकी लगाते हैं और अपने को भाग्यशाली पाते हैं।
Aadi Shankracharya sthali
आदि शंकराचार्य जी ने केदारनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था इनकी स्थली केदारनाथ मंदिर के थोड़ा पीछे स्थित है। यहां पर लोग फोटो खींचते हैं।
Kund
मंदिर के नजदीक की लाल पानी वाला रुधिर कुंड, रेतस उदय कुंड ,अमृत कुंड, हंस कुंड आदि हैं।
Vasuki Tal
यह एक मनमोहक झील है जो केदारनाथ से 5 से 6 किलोमीटर की हाइट पर स्थित है यहां सुंदर ब्रह्म कमल मिलते हैं। इस जगह यात्रियों को लोकल गाइड के साथ ही जाना चाहिए।